इश्क़ ए बिस्मिल - 62

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हदीद को अपनी मुश्क़िलें खत्म होने की बजाय बढ़ती हुई दिख रही थी। अगर पुलिस अज़ीन को ढूंढ लाती है तो हदीद की खैर नहीं और अगर ना ढूंढ पाती है तो अरीज को कुछ हो जाएगा और अरीज तो उसकी भाभी थी। इस से पहले तो उसे अरीज से इतना लगाव नहीं हुआ था मगर अभी उसका जो हाल हदीद देख रहा था उसकी जगह कोई और होता तो उसका भी दिल पिघल जाता ... उपर से हदीद ने अरीज से वादा भी किया था की उसकी हेल्प करेगा। अगर अरीज अभी उस से उस वादे का पूछ बैठती