परम् वैष्णव देवर्षि नारद - भाग 4

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इस ब्रह्माण्ड में कहीं कोई बात हो और वह नारद जी के कानों में पड़ जाए और उसका प्रचार न हो, यह कदापि संभव नहीं है। उन्हें तो संचार तंत्र का आदि गुरु कहना अधिक उपयुक्त होगा। बैकुण्ठलोक से चलकर नारद जी सीधे मथुरा के राजा अत्याचारी कंस के पास पहुँचे। कंस ने नारद जी का समुचित आदर-सत्कार किया और उनके दर्शनों के लिए आभार प्रकट किया। कुछ पल शान्त रहने के बाद नारद जी ने कंस से कहा "राजन्! अब अत्याचार करना बंद कर दो, क्योंकि तुम्हारा वध करने के लिए तुम्हारी बहन देवकी के गर्भ से आठवीं संतान