अपाहिज़

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सबको सब कुछ वो खुदा नहीं देता है,हर इंसान को कुछ ना कुछ कमी देता है।इंसान ने दुनिया में काफी तरक्की कर ली, धरती से आसमान का सफ़र कर लिया,चांद पर पहुंच गया,मगर इंसान की मानसिकता नहीं बदली, तरक्की और पैसों के पीछे भागते भागते वो इंसानियत को ही भूल गया।इंसान की जुबान चाहें तो कइयों को जोड़ दे,और ये जुबान कई बार रिश्तों में भी जहर घोल देती है।आज की कहानी एक ऐसे ही शख़्स आदित्य की है जिसे सोसाइटी के कुछ लोग गिरी हुई नज़र से देखते हैं वो भी सिर्फ़ इसलिए कि वो एक पैर से थोड़ा