सियाराम सर्राफ - कसक

  • 2.6k
  • 1
  • 873

कवि सियाराम सर्राफ की कसक रामगोपाल भावुक सियाराम सर्राफ जी अपनी कसक के अनुरोध में लिखते हैं-मैं कोई कवि नहीं, चिन्तक नहीं, विचारक नहीं पर मेर अपनी कुछ चिन्ताएं हैं कुछ भावनाएं हैं जिन्हें मैंने कविता के माध्यम से सुधी पाठकों के सामने रखने का प्रयास किया है। आपने अपने इस बगीचे के लिए जो पुष्प चुने हैं ने देश-भक्ति से चुने गये हैं। वे मानते है कि इस देश भक्ति साथ राजनीति के कांटे भी आ गये हैं। जिसके लिये वे छमा प्रार्थी भी हैं। देश के चर्चित कवि हमारे पूर्व प्रधान मन्त्री अटल विहहारी वाजपेई जी इनके मित्र