योग वशिष्ठ रामायण-राधारमण बोहरे

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आनन्द के सागर में डुबोने वाली योग वशिष्ठ रामायण राम गोपाल भावुक मो. 9425715707 पं.राधारमण बोहरे के चिन्तन -मनन के परिणाम स्वरूप योग वशिष्ठ रामायण को जीवन में पहली बार पढ़ने का अवसर हाथ आया है। यह प्रंसंग तो पौराणिक आख्यान पर आधारित है लेकिन बोहरे जी ने हम जैसे सामान्य जनों के लिये अपने अनुभवों के आधार पर इस कठिन विषय को सरल भाषा में अनुदित कर प्रस्तुत किया है। बोहरे जी दिनरात अपने चिन्तन -मनन में डूबे रहने वाले साधक हैं। इस कृति को पहली बार पलटते समय लगता रहा-तराजू के एक पलड़े में श्रीमद्भगवत गीता रख दी