पं. रमाशंकर चतुर्वेदी ‘आनन्द’-मंथन काव्य संकलन

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आनन्द के अनुभवों का दस्तावेज मंथन राम गोपाल भावुकपंचमहल की धरती पं. रमाशंकर चतुर्वेदी ‘आनन्द’ की कर्म स्थली रही है। आप विजली विभाग में सेवा करते रहें। बोली- बाणी से आप मधुरभाषी हैं। आप से नगर की काव्य गोष्ठियों में तो मुलाकात हो ही जाती थी। आपकी व्यंग्य कवितायें सभी कों प्रभावित कर लेतीं थीं। नगर में आप एक चर्चित कवि के रूप में जाने जाते हैं। यह संकलन उस समय से मेरे सामने है जब वह प्रसव काल में था। मैंने भी मध्य प्रदेश के ग्रृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्र की तरह इस संकलन को पढ़े जाने की अनुशंसा