उजाले की ओर –संस्मरण

  • 3.2k
  • 1.2k

मित्रोंसस्नेह नमस्कार आशा है आप सब प्रसन्न वह आनंदित होंगे। जीवन एक बहुत बड़ी भूल भुलैया है। कभी-कभी यह हमें इतनी सफ़लता की ओर ले जाता है जो हमने कभी सोचा ही नहीं होता, कभी यह हमें इतना नीचे गिरा देता है जो भी हमने सोचा नहीं होता। सवाल इस बात का है कि आखिर यह सब होता कैसे है? सीधी सी बात है यह सब हमारे अपने करने से होता है। कभी-कभी हम आनंद में इतने अच्छे काम कर जाते हैं जिसके परिणाम बहुत अच्छे होते हैं यानि हमें यह याद भी नहीं होता कि हमने यह कब किया