गीता से श्री कृष्ण के 555 जीवन सूत्र - भाग 5

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जीवन सूत्र 5: शरीर की अवस्था में बदलाव स्वीकार करें विवेक को बचपन से ही आध्यात्मिक ग्रंथों के अध्ययन में रुचि है। आवासीय विद्यालय के आचार्य सत्यव्रत आधुनिक पद्धति की शिक्षा देने के साथ-साथ प्राचीन जीवन मूल्यों और परंपरागत नैतिक शिक्षा के उपदेशों को भी शामिल करते रहते हैं।वे बार-बार बच्चों से कहते हैं कि विद्या का उद्देश्य जीवन में धन,पद, यश,प्रतिष्ठा प्राप्त करना नहीं है।जीवन का व्यावहारिक ज्ञान पाने,श्रेष्ठ नागरिक गुणों का विकास और समाज उन्मुखी श्रेष्ठ जीवन जीने के लिए शिक्षा आवश्यक है।सच्चा ज्ञान केवल किताबी कीड़ा नहीं बनाता बल्कि संकटकालीन परिस्थितियों में निर्णय लेने के लिए आवश्यक