जीवन सूत्र 3 भगवान कृष्ण की इस दिव्य वाणी से हम "शोक करना उचित नहीं है", इस वाक्यांश को आज तीसरे सूत्र के रूप में लेते हैं।कहा गया है कि ईंधन से जिस तरह अग्नि बढ़ती है,वैसे ही सोचने से चिंता बढ़ती है। न सोचने से चिंता उसी तरह नष्ट हो जाती है, जैसे ईंधन के बिना अग्नि।