मौत का छलावा - भाग 2 - (सूर्यवंशी सीरीज)

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इसने मुझे कैसे कैद किया और फिर उसके बाद क्या हुआ मुझे कुछ भी याद नहीं। मै तीन दिन से इसकी कैद में हूँ यह बात मुझे भली प्रकार याद है, यह सुबह शाम मेरी उन लाल रस्सियों को पता नही कैसे ढीली कर देता और मै आराम से अपने दैनिक कर्म कर लेता और फिर यह भोजन के वक्त मुझे वैसे ही छोड़ता है। लेकिन यह लाल रस्सियाँ कभी भी मुझे मुक्त नहीं करती चाहे कुछ भी हो जाये। । वह कंकाल रोज सुबह शाम मेरे पास आता है और फिर कुछ देर मेरे साथ बहस बाजी करके चला