नि:शब्द के शब्द - धारावाहिक- सातवां भाग दुष्ट भुतही आत्मा का प्रकोप 'अरे ! तू क्या बोल रही है? तुझे कुछ मालुम भी या नहीं?' 'मुझे तो खूब पता है कि, मैं मोहिनी हूँ, लेकिन तू नहीं जानता है कि, तू क्या बोल रहा है?' इकरा बोली तो, उसका पति अवाक-सा उसका चेहरा देखने लगा. फिर काफी देर के बाद वह जैसे बहुत कुछ सोचकर आगे बोला, 'देख इकरा ! ये इतनी सारी भीड़ हमारे मुहल्ले की है. तू मर गई थी, मगर शुक्र हो अल्लाह का कि, उसने तुझे फिर से ज़िन्दगी देकर मेरे पास भेज दिया है. ये