कहानी प्यार कि - 60

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थोड़ी देर में संजना को तैयार करके जुले पर बिठाया गया... और आगे की रस्म निभाई गई.. अनिरूद्ध हर वक्त संजू के पास ही रहता था ताकि वो उसका खयाल रख सके... अब तक फंक्शन में सब अच्छा ही हो रहा था... किंजल और करन पास में ही कुर्सी पर बैठकर सब रस्में होती हुई देख रहे थे... " किंजल तुमने आगे क्या सोचा है ? " करन के इस प्रश्न से किंजल नासमझी के भाव से उसे देखने लगी..." मेरा मतलब है तुम्हारी वो ऐप की लॉन्चिंग के बारे में..." " हा सोचा तो है मैने ... हमारी टीम