मालूशाही मेरा छलिया बुराँश-प्रज्ञा

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'मालूशाही...मेरा छलिया बुरांश'प्रज्ञा का नया व सशक्त कथा सँग्रहराजनारायण बोहरे मालूशाही...मेरा छलिया बुरांश नाम का यह कहानी संग्रह लोकभारती प्रकाशन इलाहाबाद से आया है, इसकी लेखिका हैं हिंदी की प्रतिष्ठित लेखिका प्रज्ञा ! इस संग्रह में कुल नौ कहानियां शामिल हैं ,जिनके अपने रूप हैं और अपनी बुनाबट। प्रज्ञा नाटक लिखती रही है और उन्होंने एकांकी नाटकों पर शोध कार्य किया है, इसलिए उनके उपन्यासों व कहानियों में दृश्य योजना और संवाद बड़े महत्वपूर्ण होते हैं । उन्होंने अपने पिता से बचपन में किस्से-कहानी वाली कहानियां भी सुनी और के लिखित रूप से भी वे कहानियों से परिचित हैं ,