मेरे घर आना ज़िंदगी - 38

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(38)फ्लैट की रजिस्ट्री हो चुकी थी। पज़ेशन मिल चुका था।‌ मकरंद बहुत खुश था। वह मम्मी पापा को फ्लैट दिखाने के लिए लाया था।‌ वह उन्हें बड़े उत्साह के साथ फ्लैट दिखा रहा था।‌ बता रहा था कि वह फ्लैट में क्या क्या काम करवाना चाहता है। मम्मी पापा भी उसे सलाह दे रहे थे कि उसे क्या करवाना चाहिए। फ्लैट दिखाने के बाद मकरंद बालकनी में खड़ा आसपास का नज़ारा ले रहा था। वह बहुत भावुक था। इस समय उसे लग रहा था कि जैसे उसने जीवन की बहुत बड़ी उपलब्धि पा ली हो। उसका बचपन अपने मौसा मौसी