मेरे घर आना ज़िंदगी - 37

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(37)नंदिता का नौवां महीना शुरू हो गया था। डॉ. नगमा सिद्दीकी ने उसकी डिलीवरी की डेट दे दी थी। उनका कहना था कि सब सही है। बच्चे की पैदाइश में कोई दिक्कत नहीं आएगी। नंदिता की मम्मी अब उसका हर पल खयाल रखती थीं। मकरंद ने सारी व्यवस्था कर ली थी। सबको बच्चे के आने का इंतज़ार था। सबसे अधिक उत्साहित पापा थे। वह अक्सर आने वाले बच्चे के बारे में तरह तरह की बातें करते थे। नेट से उन्होंने लड़की और लड़के के कई अच्छे नाम चुनकर एक डायरी में लिख लिए थे। उनका कहना था कि बच्चे के