प्रायश्चित- 13 - Nehele Pey Dehela

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कुछ घंटों बाद अंकित को होश आ चुका था अंकित ऐसे ही पढ़े नहीं रह सकता था उसे राज की तलाश करनी थी वह सोच रहा था इस मुसीबत से कैसे निकले और साल्वे भी अब तक हॉस्पिटल तक पहुंच चुका था। हॉस्पिटल का मुआयना करते हुए उसे पता चला कि अंकित को ज्यादा चोटें नहीं आई थी। और अंकित के कमरे बाहर दो लोगों उस कमरे पर ध्यान लगा कर खड़े थे उन्हीं दो लोगों को देखने के बाद उसे पता चल गया था कि शायद माथुर के आदमी उसके पीछा करते हुए यहां तक पहुंच चुके थे।उसने वहां