24-10-2018 का वो दीन आज भी साक्षी भुली नहीं है। आज भी उस दिन को याद करके साक्षी दुःखी हो जाती है। और यहीं सोचती है की, काश उस दिन दश मिनिट घर देर से पहोचते तो शायद..... कभी कभी हमारे साथ कब क्या हो जाता है की हम समझ नहीं पाते, ऐसा क्यु हुआ..... शाम सात बजे के आस पास रोज साक्षी अपनी जॉब से घर आती है। उस दिन इसी समय वो घर आ रही थी। घर के थोड़े दुर से उसने देखा की, बहोत सारे लोग हाथ मे लकड़िया लेके उसके घर की तरफ आ रहे थे। साक्षी को कुछ समझ नहीं आया की क्या हो रहा है। वो लोग साक्षी के चाचा को मारने