कबीरदास की जीवनीकबीरदास जी ने हिंदी साहित्य की 15 वीं सदी को अपनी रचनाओं के माध्यम से श्रेष्ठ बना दिया था। वह ना केवल एक महान् कवि थे, बल्कि उन्होंने एक समाज सुधारक के तौर पर भी समाज में व्याप्त अंधविश्वासों, कुरीतियों और पाखंड के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी।कबीरदास जी वैसे तो भक्तिकाल की निर्गुण शाखा से संबंध रखते थे, लेकिन इनके द्वारा कहे गए वचनों का पालन आज भी समस्त धर्मों के लोग किया करते हैं। इतना ही नहीं इन्होंने जीवन पर्यन्त मानव समाज को सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने के लिए प्रशस्त किया।जिसके कारण