किंबहुना - 6

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ऊपर से दिख रही शांति के नीचे भीतर ही भीतर एक गहरा षड़यंत्र चल रहा था। आरती को तो कानोंकान खबर न हुई। जब अंडरटेंकिंग फार्म आ गया कि मैं छँटनी नहीं चाहती, कटनी फाउंडेशन में जाने को तैयार हूँ, तब पता चला। लगा पैरों तले की जमीन खिसक गई। क्योंकि विलय से पूर्व बीसीसी से 80 कर्मियों की छँटनी हो चुकी थी! पता क्या, अब भी कुछेक की छँटनी शेष हो! घबड़ा कर उसने फिर भरत जी को फोन लगाया। और वे फोन पर ही एकदम लाल-पीले हो गए। आरती को उनका वो आदिवासी तेवर अच्छा लगा। उसने