दोनों बच्चे और उनके अब्बू तबस्सुम को ख़यालों की उड़ान से वापस धरातल पर नहीं लाना चाहते थे इसलिए वो चुपचाप उनकी बातें सुन रहे थे वो बिना रुके बोले जा रही थीं - "मैं और फूफी खूब बातें करेंगे उससे पाकिस्तान की अपने इस्लामाबाद की। भाई नए जमाने की लड़की है सब जानती होगी इस्लामाबाद के बारे में.... कितना बदल गया होगा इस्लामाबाद शफीक मियां की रबड़ी की दुकान के कारण सब हमारी गली को रबड़ी वाली गली कहते थे और गुट्टन चाचा की चाट और पानी पताशे। अहा! कितना मज़़ा आता था। पता नही अब गुट्टन चाचा है