सूखे पत्तों पर चलते शैलेंद्रशरण

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समीक्षासूखे पत्ते पर चलते हुएशैलेन्द्र शरण का सशक्त सँग्रहराज बोहरेशैलेंद्र शरण एक विचारशील कवि हैं वे अपनी कविता में दर्शन विचार और सामाजिकता को शामिल करते हैं । यह शामिल करना सायास नहीं अनायास होता है यानी यह सब उनके चिंतन में शामिल है। तभी तो कविता लिखते वक्त वह सहज रूप से कविताओं में आ जाता है। शैलेंद्र शरण का कविता संग्रह 'सूखे पत्तों पर चलते हुए' शिवना प्रकाशन से पिछले दिनों प्रकाशित होकर आया है। इस संग्रह की सारी कविताएं कवि के वैचारिक पक्ष के साथ-साथ उनके सहज रूप से पर्यवेक्षण और समाज में शामिल मुद्दों पर अपने