ज़िद्दी इश्क़ - 25

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माहेरा मुंह बना का रामिश की तरफ मुड़ी और और उसका चेहरा देख कर हैरान हो कर बोली। "रामिश भाई सीढ़ियों से मैं गिरी थी और चेहरा आपका सूजा हुआ है।" "येह उसकी गलती का इनाम मिला है।" जवाब रामिश की बजाए माज़ ने दिया जबकि रामिश खामोश ही रहा। माज़ की बात सुनकर माहेरा ने उसे घूरते हुए पूछा। "माज़ क्या तुम ने रामिश भाई को मारा है?" "माहेरा येह मेरी गलती की सज़ा है। माज़ जब बाहर गया था तो उसने मुझे तुम्हारा ध्यान रखने के लिए कहा था लेकिन मैं नही रख सका और देखो मेरी एक