अग्निजा - 69

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प्रकरण-69 अब जीतू ने रोज ही केतकी से शाला में आकर मिलना शुरू कर दिया था। उसके पास समय है क्या, यह पूछ कर शाम को घूमने का कार्यक्रम तय करने लगा। केतकी को लगता था कि ये दिन वापस नहीं लौटने वाले। इसलिए उसने अपने टयूशन, बच्चों को निःशुल्क मार्गदर्सन आदि के समय में बदलाव कर लिया। जीतू के साथ समय बिताना उसे भी अच्छा लगने लगा था। ये वही आदमी है क्या? ये कोई सपना तो नहीं, या जो पहले देखा वह कोई बुरा सपना था? जीतू ने केतकी को एक अच्छा सा गॉगल भेंट किया। एक शनिवार