ममता की परीक्षा - 99

  • 2.6k
  • 1
  • 1.1k

थानेदार ने बड़े धैर्य से मेरी पूरी बात सुनी। उस दरबान द्वारा प्राप्त जानकारी इस केस में बड़े काम की थी लेकिन उस घाघ वकील पर अभी भी हाथ डालने की उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी। अंजाम उसे पता ही था कि वह कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेगा। ऐसा लगा जैसे कुछ पल सोचकर उसने कोई फैसला किया हो और फिर मुझे साथ आने का इशारा करके थाने में खड़ी अपनी जीप की तरफ बढ़ गया। कुछ देर बाद वह मेरे साथ कमिश्नर साहब के दफ्तर में बैठकर उन्हें इस केस के बारे में पूरी जानकारी दे