ममता की परीक्षा - 98

  • 3.5k
  • 1.4k

काफी मान मनौव्वल के बाद थाना इंचार्ज के आदेश पर थाने में मेरी रपट लिखी गई। उस दिन मैंने पहली बार जाना था कि थाने में कोई रपट लिखाना किसी सामान्य इंसान के लिए कितनी बड़ी बात है। और फिर अगर आरोपी कोई कासिम आजमी जैसा घाघ वकील हो तो फिर तो बहुत ही बड़ी बात, लेकिन मैं भी अपने धुन की पक्की थी और हवलदार के लाख पीछा छुड़ाने की कोशिश करने के बावजूद वहीं डटी रही। मेरी चीख पुकार सुनकर थाना इंचार्ज ने मुझे बुलाकर मेरी पूरी बात सुनी और फिर हवलदार को रपट दर्ज करने का आदेश