मेरे घर आना ज़िंदगी - 30

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(30)मकरंद को ऑफिस में कुछ देर हो गई थी। आज नंदिता को डॉ. नगमा सिद्दीकी के पास ले जाना था। उसने नंदिता को फोन किया कि वह तैयार होकर बैठे। वह बस आ रहा है। नंदिता ने उससे कहा कि उसे परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। वह अपने पापा के साथ चली जाएगी। मकरंद ने उसे समझाया कि वह ऐसा ना करे। उसे डॉक्टर के पास ले जाना उसकी ज़िम्मेदारी है। वह बस निकल रहा है। कुछ ही देर में पहुँच जाएगा। लेकिन जब वह घर पहुँचा तो नंदिता की मम्मी ने बताया कि वह अपने पापा के साथ