प्रेमचंद

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मचंद एक युग सृष्टा साहित्यकार थे उनमें जो जीवंतता थी वह अनुकरणीय है प्रेमचंद एक आम आदमी के रूप में जीवन जीते थे और आम आदमी के लिए ही लिखते थे समाज में व्याप्त जाति प्रथा विधवा दुर्दशा और भ्रष्टाचार उन्हें तनिक भी न सुहाते थे । उनके जीवन का प्रारंभ में भारतवर्ष का एक नव जागरण काल था । जिसमें महात्मा गांधी का हरिजन ,यंग इंडिया आदि समाचार पत्र अपनी भूमिका निभा रहे थे । मुंशी प्रेमचंद ने भी उस दौरान समाचार जगत में अपने आर्थिक अभावों के बावजूद अपनी भी एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की और उन्होंने सामाजिक