सपने - (भाग-47)

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सपने.......(भाग-47)आस्था अगली सुबह तैयार हो कर नाश्ता कर रही थी। आदित्य भी जल्दी से तैयार हो कर आ गया। आदित्य ने आस्था को छोड़ने जाना था तो नवीन ने कहा," मुझे भी छोड़ देना"! आदित्य ने पहले नवीन को छोड़ा फिर आस्था को। "आस्था जब फ्री हो जाओ बता देना, मैं आसपास ही रहूँगा तो तुम्हें लेने आ जाऊँगा"।आदित्य ने कहा तो आस्था ने उसे बहुत मना किया पर वो माना नहीं तो हार कर आस्था ने ही कहा,"ठीक है, मैं कॉल कर दूँगी। अब आदित्य कभी किसी कैफे में बैठ जाता तो कभी यूँ ही किसी जगह पर टाइम