अनूठी पहल - 15

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- 15 - दीपक को जब ज़मीन की देखभाल के लिए भेजने का अंतिम निर्णय लिया गया तो दीपक ने प्रभुदास को कहा - ‘पापा, अब जबकि आपने मुझे ज़मीन की देखभाल करने के लिए घर से दूर भेजने का निर्णय ले लिया है तो एक बात मैं आपके सामने स्पष्ट रूप से कह देना चाहता हूँ और वह बात यह है कि मैं वहाँ खेती ही करूँगा, खेती करते हुए कोई अन्य काम-धंधा नहीं करूँगा।’ ‘बेटे, यह तू क्या कह रहा है? खेती करने के लिए तो सीरी और मज़दूर ही काफ़ी होंगे, तेरे लिए किसी इज़्ज़तदार काम शुरू