अनूठी पहल - 13

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- 13 - प्रतिदिन की भाँति प्रभुदास काउंटर के पीछे गद्दी पर बैठा ग्राहकों को निपटा रहा था कि डाकिए ने मैं. प्रभुदास एण्ड सन्स के नाम से आई डाक काउंटर पर रखी। कम्पनियों की डाक के साथ एक अन्तर्देशीय पत्र भी था। पहले उसने वही पत्र उठाया। पत्र भेजने वाली उसकी बहन दमयंती थी। पत्र पढ़कर उसे झटका तो लगा, लेकिन इस पर फ़ुर्सत में विचार करने के लिए पत्र बन्द करके उसने जेब में रख लिया और बाक़ी डाक पर सरसरी नज़र डालकर फिर से ग्राहकों की ओर रुख़ किया। दोपहर के खाने के समय उसने दमयंती के