- 12 - जमना की अनाथ बच्चा गोद लेने की बात से सहमत होते हुए भी रामरतन ने इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया था। विवाह की पहली वर्षगाँठ पर जब जमना ने बच्चा गोद लेने की बात पुनः चलाई तो रामरतन ने कहा था - ‘जमना, मैं तेरी भावना को ठेस नहीं पहुँचाना चाहता, लेकिन सोच, यदि गोद लिया बच्चा संस्कारवान ना निकला तो क्या होगा? ….. मैंने सोचा है कि एक तो अपनी वर्षगाँठ पर गोशाला में एक फलदार वृक्ष लगाया करेंगे, दूसरे, रोज़ सुबह गोशाला में जाकर थोड़ी-बहुत देर गौओं की सेवा किया करेंगे। चन्द्र भइया