अनूठी पहल - 11

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- 11 - पवन ने दुकान का काम बख़ूबी सँभाल लिया था। हर कम्पनी चाहती कि एजेंसी मैसर्ज प्रभुदास एण्ड सन्स को ही दी जाए। इस प्रकार कारोबार बहुत तेज़ी से बढ़ने लगा। पवन के विवाह के लिए रिश्ते आने लगे। पार्वती भी पवन के विवाह के लिए उत्सुक थी। एक दिन रात को खाना खाने के बाद प्रभुदास जब उसके पास बैठा उसकी टाँगें दबा रहा था तो उसने कहा - ‘प्रभु बेटे, पवन की विवाह की उम्र हो गई है। उसने दुकान का काम भी पूरी तरह सँभाल लिया है। अब उसका विवाह कर देना चाहिए। दूसरे, मेरी