मेरे घर आना ज़िंदगी - 27

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(27)नंदिता के पापा मुस्कुरा रहे थे। नंदिता को समझ नहीं आया कि बात क्या है। उसने कहा,"क्या बात है पापा ?"उसके पापा ने कहा,"देखो कौन आया है ?"नंदिता ने आगे बढ़कर देखा। उसके पापा के पीछे दो सीढ़ियां नीचे उसकी मौसी और मौसा खड़े थे। नंदिता अपनी मौसी के गले लग गई। उन्हें अंदर लाकर लॉबी में बैठाया। उसके बाद मकरंद को बुलाकर लाई। मकरंद ने उसके मौसा मौसी के पैर छुए। नंदिता के मौसा मकरंद से उसकी नौकरी के बारे में बातें करने लगे। उसकी मौसी बड़े ध्यान से इधर उधर देख रही थींं। नंदिता के पापा ने कहा,"चलो