(4) सहारा व दुर्भाग्य विजय की फिल्म की शूटिंग का काम पूरी तरह ठप्प हो गया था | विजय लेनदारों के कारण घर से प्रायः गायब रहता | वह कभी कभार घर रात देर से लौटता । उसकी सब इज्जत धूल मे मिल गई थी। शूटिंग के काम करने वाले अपने पेसे के लिए उसके घर के चक्कर लगा रहे थे। उस रात को वह काफी देर से घर लौटा । घडी में रात के दो बाज रहे थे | जिंदगी से निराश वह तीन दिन बाद घर आया था। वह मुर्दे के समान अपने बिस्तर पर लेटा हुआ था।