*एक अनाम कुटुंब बलिदानी वीरांगना मानवती बाई हैहयवंशी की अमरकथा*महारानी लक्ष्मीबाई की सेना में एक प्रमुख पद पर वीर खुमान सिंह हैहयवंशीय तैनात थे जो कि डाकुओं के दमन के लिए भेजी गई टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे थे डाकुओं से युद्ध करते हुए वीर खुमान सिंह शहीद हुए उनकी मृत्यु उपरांत उनकी धर्मपत्नी मानवती बाई के समक्ष जीविकापार्जन की विकट समस्या आ खड़ी हुई कहते हैं कि जब महारानी लक्ष्मीबाई एक बार नगर भ्रमण को निकली तो उन्होंने मानवती बाई को बाजार में रोते हुए देखा और उनसे कारण पूछा जब महारानी को ज्ञात हुआ कि वह उनके एक