28 अब अचानक समाप्त का बोर्ड लगते ही अजीब लगा। एक खालीपन सताने लगा। लेकिन उस खाली पन पर सांसारीक मोह माया ने कब्जा कर लिय़ा। संसार के आकर्षण ज़ाल में मैं धीरे धीरे फँसती गई। मुझे शांत देखकर सब चिढाने लगे। ऐसे बदले हुए माहोल में झट से घुल ज़ाना मुझे मुश्किल