अग्निजा - 49

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प्रकरण-49 भावना ने अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा, “आई एम भावना...भावना जानी। ये आपकी वाइस प्रिंसिपल हैं न, वह मेरे कारण है, समझे?” प्रसन्न ने हंसते हुए भावना से हाथ मिलाया. “थैंक यू...आपके कारण हमारी शाला को एक खूब अच्छी वाइस प्रिंसिपल मिली हैं।” “लेकिन आप क्या करते हैं...? आपका क्या नाम है मिस्टर....?” “अभी मैंने नाम कमाया तो नहीं है, लेकिन रखा गया नाम है...प्रसन्न। प्रसन्न शर्मा। दो काम करता हूं। एक संगीत सिखाना, दूसरा आइसक्रीम खाना।” “वाह...तब तो हमारी खूब जमेगी प्रसन्न भाई....पूछिए क्यों...” “बताइए...जल्दी बताइए। आप पहली लड़की हैं जिसे ऐसा लगता है कि मेरे साथ