मेरे घर आना ज़िंदगी - 23

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(23)समीर के फाइनल एग्ज़ाम्स ठीक गए थे। इस साल उसकी पढ़ाई में जो व्यवधान आया था उसके बाद उसे संतोष था कि वह अच्छा कर पाया। उसने तय किया था कि अब वह खूब मन लगाकर पढ़ेगा। वह समझ गया था कि अगर उसे आगे चलकर अपने हिसाब से रहना है तो उसे पहले लोगों के बीच अपनी एक जगह बनानी होगी। इसका एक ही रास्ता उसके पास था। पढ़ लिखकर वह अपने पैरों पर खड़ा हो। इन दिनों स्कूल बंद था। समीर अपना वक्त इंटरनेट पर बिताता था। वह ट्रांसजेंडर लोगों से संबंधित जितनी भी जानकारी उपलब्ध थी उसे