मेरे घर आना ज़िंदगी - 20

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(20) उस दिन नंदिता ने मकरंद से कहा था कि हिसाब लिखना गलत नहीं है लेकिन अपनी गर्भवती पत्नी पर किए गए खर्च का हिसाब लिखना कोई अच्छी बात नहीं है। उस दिन के बाद से ही मकरंद इस विषय में सोच रहा था।हर खर्च का हिसाब लिखना उसकी आदत बन गई थी। यह आदत उसे मौसी की वजह से लगी थी। जबसे उनके मन में डर बैठा था कि कहीं मौसा जी उसे अपने बेटे की तरह ना अपना लें वह उसे हर बात के लिए टोंकने लगी थीं। उसके पास नया पेन भी देखती थीं तो कहाँ से