में चाहता हु,अब लड़ना चाहता हूं। कृपा उनकी मेरे सिर पे है कुछ अब में करना चाहता हूं अब लड़ना चाहता हु,विवादित कोई आपके जीवन का पन्ना खोलिए, कोई ऐसा जिसमे मार्गदर्शन न हो, और ना ही कोई अन्य रास्ता । उसको खोलिए और सोचिए क्या समय गवाया था ?कितना , तो आगे बढ जाए और देखो कहा उसको छोड़ा था ?रास्ते को छोड़ने के लिए आगे बढ़े थे ?की फिर रास्ते से हारने के डरसे छोड़ा ? समय से तेज अब में भागना चाहता हूं, गेरोको रखके दूर, में भागना चाहता हूं, कुछ सपनोका भार ले, दौड़ना चाहता हूं