साहब - मेरे ताऊजी (पार्ट 1)

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"बाऊजी का जवाब नही था।नाम था उनका।रोब था"सुरेश बोलामेरे ताऊजी के एल शर्मा बांदीकुई में रेलवे में मेल ड्राइवर थे।लोग उन्हें के एल शर्मा के नाम से जानते थे।पर उनका पूरा नाम था--कन्हैया लाल शर्मा।मंझला कद,साफ गोरा रंग।उन्हें सफेद रंग पसन्द था। सफेद पेंट और सफेद कमीज और सिर पर हेट।उन्हें जो न जानता हो।वह उन्हें देखकर अंग्रेज समझने की भूल कर बैठता।गलती अनजान,अजनबी की भी नही होती क्योंकि वह लगते ही अंग्रेज थे।उन्हें रेलवे की तरफ से बंगला मिला हुआ था।बगल वाले बंगले में रेलवे के लोको फ़ौरमेन रहते थे।कुछ अंग्रेज ड्राइवर फिलिप,कार आदि भी थे।जो इंगलेंड के रहने।