सपने........(भाग-25)आस्था और आदित्य दोनो अलग अलग लोगो के साथ डिनर के लिए चल दिए....। आस्था कार में बैठी आदित्य के बारे में ही सोच रही थी.......'पता नहीं आदित्य को अचानक क्या हो गया है? कल से ही उसका मूड़ कुछ ठीक नहीं लग रहा और आज तो ऐसा लगा जैसे ताना मार रहा हो'......! आस्था अपने ख्यालों में गुम थी......उसे एकदम चुप बैठे देख नचिकेत ने ही बोलना शुरू किया," आस्था, दीदी तुमसे हम को ले कर कोई बात करे तो परेशान मत होना....."उनकी आदत ही खुल कर बोलने की है।""वो सब तो ठीक है नचिकेत पर मैं भी उन्हें