पिशाच- संजीव पालीवाल

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बचपन में बतौर पाठक मेरी पढ़ने की शुरुआत कब कॉमिक्स से होती हुई वेदप्रकाश शर्मा के थ्रिलर उपन्यासों तक जा पहुँची.. मुझे खुद ही नहीं पता चला। उन दिनों में एक ही सिटिंग में पूरा उपन्यास पढ़ कर खत्म कर दिया करता था। उसके बाद जो किताबों से नाता टूटा तो वो अब कुछ सालों पहले ही पूरी तारतम्यता के साथ पुनः तब जुड़ पाया जब मुझे किंडल या किसी अन्य ऑनलाइन प्लैटफॉर्म के ज़रिए फिर से वेदप्रकाश शर्मा और सुरेन्द्र मोहन पाठक के दमदार थ्रिलर उपन्यास पढ़ने को मिले।हालांकि मैं गद्य से संबंधित सभी तरह के साहित्य में रुचि