अथगूँगे गॉंव की कथा - 10

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 उपन्यास-   रामगोपाल भावुक                             अथ गूँगे गॉंव की कथा 10                अ0भा0 समर साहित्य पुरस्कार 2005 प्राप्त कृति   10                                              दुनियाँ में कोई काम छोटा-बड़ा नहीं होता और न किसी काम के करने से आदमी का मूल्य ही कम हो जाता है। सफाई करने का जो काम, लोग अपनाये हुए हैं, वे उसे तब तक करते रहेंगे जब तक उन्हें अपने काम से हीनता की भावना नहीं आती। जब-जब जिसे अपना काम छोटा लगने लगा, उसी दिन वे उस काम को तिलांज्जलि दे देंगे। वैसे काम तो काम है। हमारे जिस काम को लोग घृणा