भरोसा - 3

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3 दूसरे दिन गौरी मौसी ने चित्रा की बहुत ही राह देखी पर वो आई नहीं, मौसी उसके घर पर गई तो देखा कि दरवाजे पर ताला लगा हुआ था। तीसरा दिन, चौथा दिन, पांचवा दिन, ऐसे पूरे पंद्रह दिन बीत गए पर चित्रा आई नहीं थी और उसका कोई अता - पता भी नहीं था। गौरी मौसी को अब चिंता हो रही थी। उनको भैरवी की कही हुई बात याद आई कि किसी पर भी भरोसा नहीं कर लेना चाहिए! भैरवी की बात न मानने का उन्हें अब बहुत ही पछतावा हो रहा था। पूरा एक महीना बीत गया