राका और करण, रवि नाता और नेती के साथ नागा पहाड़ो के 20 सर्प जो सैनिक थे वह निकल पड़े थे देवताओ के नगर में पवित्र कुँए के जल के लिए । सफर इतना आसान नही था अभी नागा पहाड़ो को पार करते ही बड़े बड़े पर्वतों का एक लंबा और संघर्ष वाला खतरे से भरा सामने था । चलते हुए सर्प सैनिक अचानक ही रुक गए और जो सबसे आगे था उसने शांत रहने का ईशारा अपने हाथ से किया । कुछ देर सब अपनी जगह पर सभी के कदम किसी पत्थर की मूर्ति के समान एक जगह पर ..