इश्क़ ए बिस्मिल - 4

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पहले थे कुछ और,अब कुछ और हो गए होपहले थे फ़क़्त "यार",अब "जनाब" हो गए हो।पहले तो वह डर गई और उसे अपना दिल डर के कारण बंद होता महसूस हुआ मगर अगले ही लम्हे सामने खड़े बन्दे को देख कर उसका दिल ज़ोरो-शोरो से धड़कने लगा। हाथ दिल को थामे हुआ था, और आंखें फटी हुई थीं। चारकोल कलर की ट्रेक पैन्ट और ब्लैक कलर की टी-शर्ट में ६ फ़ीट का क़द काफ़ी शानदार लग रहा था वह यक़ीनन बहुत हैंडसम और डैशिंग था। वह बिना अपनी पलक झपकाए बस उसे देखे गई थी।"तुम हो? मुझे लगा कोई चुड़ैल