यह कोई गर्व या खुशी की नहीं बल्कि लानत..मलामत और शर्म की बात है कि भारत जैसे जनसँख्या बहुल देश में, जो कि आबादी के मामले में पूरे विश्व में दूसरा स्थान रखता है, सैक्स को देश..समाज द्वारा एक निकृष्ट.. छुपा कर रखे जाने या हेय दृष्टि से देखी जाने वाली याने के बुरी चीज़ समझा जाता है। इसे एक ऐसा हौव्वा बना कर रखा गया है जिस पर खुलेआम.. खुले मन से बात करना..चर्चा या गुफ्तगू करना तक समाज के स्वयंभू ठेकेदारों द्वारा सही नहीं समझा जाता। हालांकि इन्हीं सब बातों को इन्ही स्वयंभू समाज के ठेकेदारों द्वारा एक