अपहरण - अंतिम भाग

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धीरे-धीरे समय व्यतीत होता रहा। रंजन में बहुत बदलाव आ गया। वह अब पहले जैसा बिल्कुल नहीं रहा। इस बात को तीन माह गुज़र गए। दो दिनों के बाद रक्षा बंधन का त्यौहार था। हर वर्ष रक्षा बंधन के एक दिन पहले मिताली हाथों में मेहंदी लगाती। अपने लिए नए कपड़े खरीद कर लाती और अपने भाई के लिए राखी, मिठाई खरीद कर लाती थी। लेकिन इस वर्ष वह घर से बाहर तक नहीं निकली। आज शाम हो गई रंजन सोच रहा था क्या मिताली उसे राखी नहीं बाँधेगी? उसे इतनी बड़ी सज़ा देगी? आज रंजन को पिछले तीन माह