अपहरण - भाग ८

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अपने बेटे के बारे में ऐसे शब्द सुनकर अभिनंदन की आँखों से आँसू टपक कर मोबाइल पर गिर रहे थे। मिताली की माँ अपनी बेटी की सलामती के लिए घंटों तक मंदिर के सामने बैठी प्रार्थना कर रही थीं। अभी उन्हें इस बात से संतोष हो रहा था कि उनकी बेटी सुरक्षित है लेकिन उसी पल वह यह सोचने लगीं कि गाँव की बाकी बेटियाँ सुरक्षित नहीं हैं और वह भी उनके बेटे के कारण। वह नफ़रत भरी नजरों से रंजन की तरफ देख रही थीं किंतु रंजन की आँखें तो मानो ज़मीन में गड़ चुकी थीं। वह सर पकड़